विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी जारी की है कि एशिया, दक्षिण अमेरिका और मिडिल ईस्ट (Middle East) के देशों में कोरोना संक्रमण का कहर जारी रहेगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चेतावनी में कहा गया है कि बीते दो हफ्तों तक रोजाना एक लाख से ज्यादा नए केस सामने आए और अभी और 15 दिन तक ये सिलसिला जारी रह सकता है. WHO ने चीन के लिए अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि बीजिंग में मिले नए केस गंभीर मामला है और इससे जल्द निपटना होगा।
WHO चीफ टेडरॉस एडहॉम ने कहा कि 50 दिन बाद चीन में एक बार फिर स्थिति ख़राब नज़र आ रही है. उन्होंने कहा कि बीजिंग में मिला क्लस्टर काफी खतरनाक मसला है और इस पर वक़्त रहते नियंत्रण करना होगा. WHO का मानना है कि चीन ने फ़िलहाल मामले को अच्छे से संभाला हुआ है लेकिन इस मामले में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की ज़रूरत है. WHO के इमरजेंसी चीफ डॉक्टर माइकल रेयान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र हेल्थ एजेंसी भी बीजिंग में संक्रमण फैलने के मुद्दे पर लगातार चीन के संपर्क में हैं. अगर चीन को किसी भी मदद की ज़रुरत पड़ेगी तो WHO की टीम भी भेजी जा सकती है।
10 देशों से आ रहे हैं 80% नए मामले
टेडरॉस ने कहा कि दुनिया में कोरोना संक्रमण के जो नए मामले सामने आ रहे हैं, उनमें से 80% से ज्यादा केस सिर्फ 10 देशों से आ रहे हैं. सबसे ज्यादा केस ब्राजील, अमेरिका, भारत, रूस, पेरू, चिली, पाकिस्तान और सऊदी अरब से सामने आ रहे हैं. टेडरॉस के मुताबिक साउथ एशिया के देशों में कोरोना ने रफ़्तार पकड़ी है जो कि काफी खतरनाक तेजी से बढ़ रही है।
अफ्रीका में महामारी में ‘तेजी आने’ की चेतावनी दी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्यूएचओ) का कहना है कि अफ्रीका में महामारी में तेजी आ रही है .संगठन ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि महाद्वीप में कोरोना वायरस के एक लाख मामले पहुंचने में 98 दिन लग गए जबकि इनकी संख्या दो लाख पहुंचने में सिर्फ 18 दिन लगे. डब्ल्यूएचओ अफ्रीका के प्रमुख माशिदिसो मोइती ने कहा कि अफ्रीका के 54 देशों में से आधे से अधिक में सामुदायिक संचरण शुरू हो गया है और यह काफी गंभीर है।
महाद्वीप में यह वायरस मुख्यत: यूरोप से आया और यह शहरी इलाकों और व्यावसायिक केंद्रों से और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच रहा है. मोइती ने कहा, ‘मुझे आशंका है कि जब तक प्रभावी टीका नहीं मिल जाता है, हमें संभवत: इसके साथ जीना पड़ेगा.’ अफ्रीका में कोरोना वायरस संक्रमण के दो लाख 54 हजार से अधिक मामले हैं जबकि करीब 6700 लोगों की इससे मौत ही चुकी है।