भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मध्यम क्रम बल्लेबाज एस बद्रीनाथ का इंटरनेशनल करियर ज्यादा लंबा नहीं चल पाया। एक बेहतर बल्लेबाज होने के बाद भी टीम इंडिया में वो ज्यादा दिन तक अपनी जगह बनाए रखने में कामयाब नहीं हो पाए। बद्री ने खुद बताया कि उन्होंने टीम में जगह बनाने के लिए सबकुछ किया लेकिन सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और युवराज सिंह जैसे बेहतरीन बल्लेबाज होने की वजह से उनको मौका नहीं मिल पाया।
हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए बद्रीनाथ ने बताया, “मैं जो भी कर सकता था वो सबकुछ किया। बल्लेबाजी क्रम पूरी तरह से कसा हुआ था सचिन, राहुल, लक्ष्मण, सहवाग, गंभीर और युवराज। एक चीज जो मैंने किया वो थोड़ा बहुत गेंदबाजी पर ध्यान लगाना था। मैं टीम में बतौर ऑलराउंडर जगह बनाने क्योंकि काफी अच्छी ऑफ स्पिन गेंदबाजी कर लेता ता और कुछ विकेट भी हासिल किए थे।“
साल 2008 में बद्री ने श्रीलंका के खिलाफ वनडे डेब्यू किया था जबकि दो साल बाद 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ नागपुर में उनको टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिला था। अपने करियर का एक मात्र टी20 मैच बद्री ने पोर्ट ऑफ स्पेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ 2011 में खेला था।
“मेरे समय पर कुछ ज्यादा मदद भी नहीं मिलती थी। बतौर बल्लेबाज जगह बनाने की जगह अगर मुझे एक ऑलराउंडर की तरह टीम में जगह मिल जाती। मैं नंबर 6 या 7 पर बल्लेबाजी करता और तीसरे स्पिनर की भूमिका निभा लेता। बल्लेबाजी में जो कुछ भी कर सकता था उसमें बेहतर किया।“
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बद्रीनाथ के नाम 10 हजार से ज्यादा रन है जबकि भारत की तरफ से उनको महज 10 मैच ही खेलने का मौका मिला। टीम इंडिया की तरफ से उन्होंने 2 टेस्ट, 7 वनडे और एक टी20 मुकाबला खेला। टेस्ट में बद्री के नाम एक अर्धशतक है जबकि 1 मात्र टी20 में उन्होंने 43 रन की पारी खेली थी।