कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद 6 दिन तक पुलिस को छकाने वाला गैंगेस्टर विकास दुबे पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया.
कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद 6 दिन तक पुलिस को छकाने वाला गैंगेस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया. बता दें कि विकास दुबे को कानपुर ला रही STF के काफिले की गाड़ी आज सुबह हादसे का शिकार (Vikas Dubey Accident) हो गई थी. कानपुर के करीब ही ये हादसा हुआ था. पुलिस के अनुसार हादसे के बाद पुलिस की बंदूक छीनकर विकास भागने कोशिश कर रहा था. इसी दौरान पुलिस ने कुख्यात अपराधी को मार गिराया. पुलिस (UP Police) का कहना है कि उसने पुलिस की टीम पर कई गोलियां दागी, जिसके जवाब में पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाईं. इस मुठभेड़ में घायल होने के बाद विकास को अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
Kanpur: One of the vehicles of the convoy of Uttar Pradesh Special Task Force (STF) that was bringing back #VikasDubey from Madhya Pradesh to Kanpur overturns. Police at the spot. More details awaited. pic.twitter.com/ui58XBbd82
— ANI UP (@ANINewsUP) July 10, 2020
बता दें कि विकास (Vikas Dubey) को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में महाकाल के दर्शन करने पहुंचा था. गार्ड द्वारा पहचाने जाने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. मध्य प्रदेश पुलिस ने कल रात ही उसे उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले किया था.
पुलिस का बयान
विकास दुबे (Vikas Dubey) के एनकाउंट के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बयान जारी करके बताया कि अभियुक्त विकास दुबे को जब उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था तो रास्ते में एक गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया और वह पलट गई. गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने एक घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीन ली और भागने की कोशिश करने लगा. पुलिस के अनुसार विकास दुबे को चारों तरफ से घेर कर आत्मसमर्पण के लिए कहा गया लेकिन विकास ने सरेंडर करने के बजाय पुलिस पर गोलियां चला दीं. आत्मरक्षा ने पुलिस ने भी गोलियां चलाईं. जिसमें हीस्ट्रीशटर घायल हो गया. घायल को लेकर जब अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.
कैसे हुआ एनकाउंटर
जानकारी के अनुसार विकास दुबे को लेकर रवाना हुई गाड़ियों में सबसे आगे चल रही गाड़ी ने गुना के टोल प्लाजा के स्टॉपर पर तेजी से टक्कर मार दी. टक्कर लगने के बाद पीछे काफिले में चल रही अन्य गाड़ियों ने तेजी से ब्रेक लगाए और सभी गाड़ियां असंतुलित होने लगी. विकास दुबे दूसरे नंबर की गाड़ी में दो लोगों के साथ बीच की सीट पर बैठा हुआ था. गाड़ी के पलटने के साथ ही विकास ने भागने की कोशिश शुरू कर दी. उसने एक पुलिसकर्मी की पिस्तौल निकाल ली और वहां से भागने की कोशिश करने लगा. इसी दौरान पुलिस ने उसे मार गिराया.
5 लाख का इनाम
पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोप में मुख्य आरोपी विकास दुबे के अलावा 18 अन्य नामजद अभियुक्त भी थे. जिन पर 25-25 हजार रुपये का इनाम रखा गया है. वहीं, विकास दुबे पर इनाम की राशि को बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया था.